विज़िन्जम पोर्ट, केरल का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट आज पूरे भारत के लिए गर्व का विषय बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विज़िन्जम पोर्ट का इतिहास कितना पुराना है? और आज की विज़िन्जम पोर्ट न्यूज़ क्या कहती है? इस आर्टिकल में हम आपको विज़िन्जम पोर्ट की ताज़ा खबर (Vizhinjam Port Ki Tajakhabar) से लेकर इसके ऐतिहासिक महत्व तक सभी जानकारी देंगे।
विज़िन्जम पोर्ट हिस्ट्री: एक प्राचीन व्यापारिक केंद्र से आधुनिक मेगा पोर्ट तक
विज़िन्जम पोर्ट का इतिहास 2000 साल पुराना है, जब यह रोमन, अरब और चीनी व्यापारियों का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। मध्यकाल में यह कोल्लम (क्विलोन) साम्राज्य का हिस्सा था और मसालों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। 16वीं सदी में पुर्तगालियों और डचों ने इस पर कब्जे की कोशिश की, लेकिन इसकी रणनीतिक लोकेशन ने इसे हमेशा महत्वपूर्ण बनाए रखा।

आधुनिक विज़िन्जम पोर्ट का जन्म
- 1990s: केरल सरकार ने डीप-सी पोर्ट बनाने का विचार किया।
- 2015: अडानी ग्रुप को प्रोजेक्ट मिला और निर्माण शुरू हुआ।
- 2025: भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट हब बनने की ओर अग्रसर।
क्या आप जानते हैं? “विज़िन्जम” नाम “विजय के बंदरगाह” से लिया गया है, जो आज सच साबित हो रहा है!
विज़िन्जम पोर्ट न्यूज़ टुडे: आज की बड़ी अपडेट्स
📍 2 मई 2025 की ताज़ा खबर (Vizhinjam Port Ki Tajakhabar)
1. पहला मदरशिप (कंटेनर जहाज) पहुंचा!
- आज ही के दिन एडानी ग्रुप का पहला बड़ा जहाज विज़िन्जम पोर्ट पर लोडिंग के लिए पहुंचा।
- यह जहाज चीन से 3000+ कंटेनर्स लेकर आया है, जो भारत के पश्चिमी तट पर डीप-सी ट्रांसशिपमेंट की शुरुआत करेगा।
2. केरल सरकार ने घोषणा की – “यह ‘सागरमाला प्रोजेक्ट’ का सबसे बड़ा मीलस्टोन है!”
- मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि “विज़िन्जम पोर्ट भारत के समुद्री व्यापार को बदल देगा!”
- लक्ष्य: 2026 तक 5 मिलियन TEUs (कंटेनर्स) की क्षमता हासिल करना।
3. चीन का रोल? विवाद अभी जारी! 🇨🇳
- विज़िन्जम पोर्ट का निर्माण चीनी कंपनी सीएमपीओआरटी ने किया था, जिसे लेकर सुरक्षा चिंताएं बनी हुई हैं।
- भारत सरकार की कार्रवाई: अब सभी ऑपरेशंस पर भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड की सख्त निगरानी रहेगी।
4. रोजगार के नए अवसर
- विज़िन्जम पोर्ट से 10,000+ डायरेक्ट जॉब्स और 50,000+ इनडायरेक्ट रोजगार पैदा होंगे।
- युवाओं के लिए ट्रेनिंग: केरल सरकार ने मैरीटाइम स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज शुरू किए हैं।

विज़िन्जम पोर्ट: क्यों है खास?
भारत का पहला डीप-सी ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (24 मीटर गहराई)।
चीन, यूरोप, अफ्रीका के जहाजों के लिए सबसे नजदीकी भारतीय पोर्ट।
प्रोजेक्ट कॉस्ट: ₹7,700 करोड़ (फेज-1)।
भविष्य की योजनाएं (Future Plans)
- फेज-2 में क्रूज टर्मिनल और फ्री ट्रेड जोन बनाया जाएगा।
- 2027 तक विज़िन्जम एशिया के टॉप-5 पोर्ट्स में शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष:
विज़िन्जम पोर्ट का इतिहास जितना समृद्ध है, आज की विज़िन्जम पोर्ट न्यूज़ उतनी ही रोमांचक है। अगर आप बिजनेस, करियर या इंवेस्टमेंट से जुड़े हैं, तो विज़िन्जम पोर्ट की ताज़ा खबर (Vizhinjam Port Ki Tajakhabar) पर नजर रखें!
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